1 – आपने यह तो देखा होगा कोई भी झंडा हवा की दिशा में ही लहराता है लेकिन आपको बता दूं भगवान जगन्नाथ के मंदिर के ऊपर स्थापित व सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है अब ऐसा किस कारण से होता है इसका पता आज तक नहीं चल पाया साथ ही इस झंडे को हर रोज बदलने का नियम है ऐसी मान्यता है अगर किसी कारणवश इस झंडे को नहीं बदला गया तो मंदिर अगले 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा

2- यह मंदिर चार लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें खूब मंदिर की ऊंचाई लगभग 214 फिट है दोस्तों मंदिर के नीचे खड़े होकर सिरसी यानि कि गुंबद को देख पाना असंभव है इस गुंबद की छाया में कि इकरार छुपा हुआ है यह गुंबद इतना विशाल होने के बावजूद इस गुंबद की परछाई सुबह-दोपहर-शाम कभी भी जमीन पर नहीं पड़ती 

3- मुख्य मंदिर सिर्षी ऊपर भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र स्थित है ऐसा कहा जाता है कि आप पूरी में कहीं भी खड़े हो आप इस चक्र को देख पाएंगे इस चक्र की बनावट इतनी अद्भुत है कि आप किसी भी दिशासे इस चक्र को देखें आपको ऐसा प्रतीत होगा कि यह चक्र बिल्कुल आपके सामने ही है इसे वीर चक्र भी कहा जाता है यह चक्र अष्टधातु से निर्मित है जो कि अति पावन एवं पवित्र माना जाता है

4- समुद्र पूरी का रहस्य सामान्यता किसी भी समुद्र के किनारे हवा समुद्र से जमीन की ओर आती है और शाम के समय इसका विपरित होता है लेकिन पूरी में इसका उल्टा होता है यहां पर हवा समुद्र से जमीन की और ना जाकर बल्कि जमीन से समुद्र की ओर जाता है  

 5- आम तौर पर ऐसा देखा गया है किसी भी मंदिर मस्जिद तथा किसी भी ऊंचाई वाले स्थान पर पक्षियों का बैठना आम बात है लेकिन जगन्नाथ मंदिर के सिर के ऊपर आज तक कभी भी किसी पक्षी को उड़ते या उसके ऊपर बैठते नहीं देखा गया है यही वजह है कि मंदिर के ऊपर हवाई जहाज और हेलीकाप्टर के उड़ने पर मनाई है 

6- आपको यह बात जानकर हैरानी होगी जगन्नाथ मंदिर में प्रतिदिन संध्या काल में मंदिर के ऊपर स्थापित धवज को यहां के पुजारियों द्वारा मंदिर में उल्टा चढ़कर बदलना पड़ता है जी हां आपने बिल्कुल सही सुना इससे भव्य मंदिर में पुजारी को सीधा नहीं बल्कि उल्टा चढ़ना पड़ता है और ध्वज भी इतना भव्य है जब यह लहराता है तब सब देखते ही रह जाते हैं इस वृक्ष पर भगवान शिव का चंद्र भी बना हुआ है

7- ऐसा माना जाता है कि जगन्नाथ मंदिर के परिसर में दुनिया का सबसे बड़ा रसोइ घर है इस रसोई घर में 500 रसोइयां और 300 सहकर्मी मिलकर भगवान जगन्नाथ के प्रसाद का निर्माण करता है इस रसोई से जुड़ा एक रहस्य यह भी है यहां चाहे लाखों भक्तों क्यों ना आ जाए कभी भी प्रसाद कम नहीं पड़ता लेकिन संध्या होने पर जैसे ही मंदिर का गेट बंद होने का वक्त होता है प्रसाद अपने आप ही खत्म हो जाता है यानि कि आज तक यहां पर प्रसाद कभी भी व्यर्थ नहीं हुआ है इसके अलावा मंदिर में जो प्रसाद का निर्माण होता है उसे पुरातत्व काल से प्राचीन विधि से लकड़ियों में ही बनाया जाता है इस प्रसाद को बनाने में मिट्टी का बर्तन का उपयोग किया जाता है यह प्रसाद बर्तन में बनाया जाता है सातवां बर्तन को एक के ऊपर एक रखा जाता है और रहस्य वाली बात यह है कि जो बर्तन सबसे ऊपर यानी सातवें नंबर का जो बर्तन होता है उसमें इससे पहले प्रसाद बनकर तैयार होता है और उसके बाद छठवें पांचवे चौथे तीसरे दूसरे यानि सबसे पहले यानी कि नीचे का जो बर्तन है उसमें सबसे आखिरी में प्रसाद बनकर तैयार होता है जो कि एक बहुत बड़ा रहस्य है क्योंकि आज तक किसी ने सुलझा नहीं पाया है

8- भगवान जगन्नाथ का मंदिर चार धामों में से एक धाम माना जाता है दोस्तों मंदिर में प्रवेश करते ही एक सिंह द्वार है कहा जाता है कि सिंह द्वार के अंदर आपका कदम जब तक नहीं जाता तब तक आपके कान में समुद्र की ध्वनि सुनाई देती है लेकिन जैसे ही आप सिंह द्वार के अंदर कदम रखते हैं यह लहर की ध्वनि सुनाई देना बंद हो जाती है

9- जगन्नाथ पुरी में मुख्य रूप से तीन मूर्ति विराजमान है भगवान श्रीकृष्ण बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा तो जगन्नाथ पुरी की तीनों मूर्ति को हर 12 साल में बदला जाता है पुरानी मूर्तियों की जगह पर नहीं मूर्तियां स्थापित किया जाता है मूर्ति बदलने की प्रक्रिया में भी एक बहुत ही रोचक किस्सा है जिस वक्त मूर्ति बदली जाती है उस वक्त पूरी शहर की बिजली को काट दिया जाता है मंदिर के आसपास पूरी तरह अंधेरा कर दिया जाता है मंदिर के बाहर सीआरपीएफ की सुरक्षा तैनात कर दी जाती है उस वक्त मंदिर में किसी का भी एंट्री पावन भी होती है सिर्फ उन पांडा यानि के पुजारियों का ही एंट्री होता है जिन्हें मूर्तियों को बदल नहीं होती है

 

 10- ऐसी मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण ने अपने बहन का त्याग किया और उनका अंतिम संस्कार किया गया तो शरीर के एक हिस्से को छोड़कर उनका पूरा शरीर पंचतत्व चीन हो गया था ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण का हृदय एक जिंदा इंसान की तरह आज भी धड़क रहा है ऐसा मान्यता है कि वह दिल आज भी सुरक्षित है भगवान जगन्नाथ के लकड़ी की मूर्ति के अंदर आज भी साक्षात विराजमान है दोस्तों आप भी अगर इस भव्य जगन्नाथ धाम की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए मैंने पूरी फुल ट्रिप वीडियो बना रखी है आपको बहुत ही मदद मिलेगा तो आप इस वीडियो को जरूर देखें।

 

1 thought on “10 Reason To Visit Odisha’s Shree Jagannath Temple || ओडिशा की श्री जगन्नाथ मंदिर जाने के 10 कारण”

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